Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai | Rechecking Kya Hoti Hai

Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai: आज का लेख विशेषतौर पर स्कूल या कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे सभी विद्यार्थियों के लिए है जितने भी विधार्थी Retotaling के बारे में नहीं जानते उन सभी को आज हम Retotaling और Rechecking के बारे में बताने वाले हैं बहुत से विद्यार्थियों ने Retotaling – Rechecking का नाम जरूर सुना होगा और कई विद्यार्थी ऐसे भी होंगे जो इसके बारे में कुछ नहीं जानते होंगे।

तो उन सभी छात्रों की जानकारी के लिए बता दें कि Retotaling और Rechecking से कोई मतलब नहीं होता जितने भी छात्र परीक्षा देते हैं और वह पेपर में आए हुए नंबरों से खुश नहीं होते और जो विद्यार्थी अच्छी तरह से उत्तर लिखकर आते हैं इसके बावजूद भी अगर उनके नंबर कम आते हैं तो उन छात्रों को Retotaling – Rechecking की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।

आज का यह लेख विशेष तौर पर उन सभी छात्रों के लिए है जो अपनी उत्तर पुस्तिका को पूरी तरह भरकर आते हैं लेकिन इसके बावजूद उनके परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आते तो उनके पास Retotaling – Rechecking करवाने का आप्शन होता है आज हम आप सभी छात्रों को Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai और Rechecking Kya Hoti Hai इसके बारे में बताने वाले है।

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Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai Highlights

बोर्ड का नामराज्य और सीबीएसई बोर्ड (State & CBSE Board)
पोस्ट का प्रकारRetotaling Copy Kaise Check Hoti Hai
उद्देश्यRetotaling – Rechecking
InstituteSchool & College
रिचेकिंग का माध्यमऑफलाइन (Offline)
एमपी बोर्ड अधिकारिक वेबसाइटhttps://mpbse.mponline.gov.in/

Rechecking Kya Hoti Hai | Retotaling Kya Hoti Hai

Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai: बहुत से छात्र ऐसे भी हैं जिन्हें रिचेकिंग क्या होती है और Retotaling क्या होती है इसके बारे में भी मालूम नहीं होता और Retotaling – Rechecking किसे करवानी चाहिए और किन छात्रों को इसकी जरूरत पड़ती है और क्या वाकई Retotaling – Rechecking करवाने से नंबर बढ़ सकते हैं इन सभी सवालों के जवाब आपको देने वाले हैं।

Retotaling Kya hai | Retotaling Kya Hoti Hai

Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai: जिन छात्रों को नहीं पता कि Retotaling क्या होती है उन सभी छात्रों को बता दे कि Retotaling परीक्षा की एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें हमारी कॉपियों की जांच नहीं की जाती बल्कि सभी प्रश्नों में जो अंक मिलते हैं केवल उन्हें दोबारा जोड़ा जाता है।

क्योंकि अध्यापक बोर्ड की बहुत सारी कॉपियां चेक करते हैं तो कभी-कभी उनका दिमाग भी घूम जाता है और वह अंक जोड़ने में गलती कर देते हैं या उनसे कभी-कबार कुछ नंबर मिस हो जाते हैं जिसकी वजह से वह आपको गलती से कम नंबर दे देते हैं इसलिए आप Retotaling करवा कर अपने सभी नंबरों को जुड़वा सकते हैं।

Rechecking Kya hai | Rechecking Kya Hoti Hai

Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai: रिचेकिंग परीक्षा की एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमें आपकी उत्तर पुस्तिका की दोबारा से जांच करी जाती है और उस प्रक्रिया में अगर आपको किसी भी उत्तर के गलत नंबर दिए जाते हैं और आपका वह उत्तर सही होता है तो आपका उत्तर सही कर दिया जाता है और आपको उस प्रश्न के सही नंबर दिए जाते हैं।

हालांकि इसमें ऐसा भी होता है अगर अध्यापक ने आपके गलत उत्तर को सही कर दिया होता है और री-चेकिंग में वह उत्तर गलत पाया जाता है तो उसके भी नंबर काट दिए जाते हैं बेहतर तो यही है कि जब भी आपको लगे कि आपको कम नंबर मिले हैं और आपको वाकई में रिचेकिंग करवानी चाहिए तो आप रिचेकिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं और अपनी कॉपियों की दोबारा से रिचेकिंग/जाँच करवा सकते हैं।

Rechecking Kise Karwani Chaiye

Retotaling Copy Kaise Check Hoti Hai: दोस्तों बहुत से छात्र ऐसा सोच रहे हैं कि री-चेकिंग करवानी चाहिए या नहीं और रिचेकिंग किसे करवानी चाहिए वह कौन से छात्र हैं जिसे रिचेकिंग करवाने से फायदा होगा तो नीचे हम आपको कुछ आसान बिंदुओं के माध्यम से बताएंगे की Retotaling – Rechecking किन छात्रों को करवानी चाहिए और आपको करवानी चाहिए या नहीं इन सभी के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने वाले हैं।

  • अधिकतर छात्रों के मन मे यही सवाल रहता है कि Retotaling – Rechecking करवानी चाहिए या नहीं करानी और रिचेकिंग करवाने से क्या लाभ होता है।
  • तो आपको बता दे कि रिचेकिंग कराने में आपको सबसे ज्यादा ध्यान यह देना होता है कि आपको Retotaling – Rechecking करवाने की आवश्यकता है या नहीं।
  • हर किसी को रिचेकिंग करवाने की जरूरत नहीं होती क्योंकि यह जरूरी नहीं है कि जितने भी छात्र रिचेकिंग करवाते हैं तो उनके नंबर बढ़ ही जाते हैं।
  • कभी ऐसा भी होता है कि आप रिचेकिंग करवाने जाते हैं और आपके पहले जितने नंबर थे वह भी कम हो जाते हैं।
  • मान लीजिए कि आपको किसी सब्जेक्ट में 40 नंबर मिले हैं तो आपको लगता है कि आपको इस सब्जेक्ट में ज्यादा नंबर मिले होने चाहिए थे और आप Retotaling – Rechecking करवा लेते हैं और ऐसे में जब आपकी कॉपी की रिचेकिंग करी जाती है तो अध्यापक के नजर में वह गलती भी आ जाती है जो उन्होंने पहले सही कर दी थी तो इस हिसाब से आपके नंबर भी काटे जा सकते हैं।
  • लेकिन अगर आपको लगता है कि आपने 100 में से 80 नंबर का पेपर सही करा है और आपको 50 नंबर मिले हैं और आपको अपने ऊपर पूरा विश्वास है तो आप रिचेकिंग करवा सकते हैं।
  • यदि आपको पता है कि आप आसानी से पास हो जाते हैं लेकिन आपको 4-6 नंबर से फेल कर दिया जाता है तो आप निश्चित ही री-चेकिंग करवा सकते हैं।
  • इससे आपको फायदा मिलेगा और आपके बहुत ज्यादा चांस हैं कि आप उस विषय में पास हो जाए इसलिए यदि आपके पेपर में 5 से 6 नंबर या ज्यादा से ज्यादा 10-12 नंबर कम आए हैं और उसकी वजह से आप फेल हो रहे हैं तो आप रिचेकिंग के लिए आवेदन करे और अपनी कॉपी री-चेक करवा सकते हैं।
  • इसके लिए आपको कुछ शुल्क अदा करना पड़ सकता है और मान लीजिए अगर आपके अध्यापक ने आपकी कॉपी में नंबर गिनने में या कोई सही आंसर गलत कर दिया होगा और आप उस आंसर को सही करवा लेते हैं तो आपको सही करवाने के नंबर मिल जाएंगे और आपके नंबर बढ़ जाएंगे।
  • इसके अलावा आप उस सब्जेक्ट में आसानी से पास भी हो सकते हैं अगर आपको अपने ऊपर पूरा विश्वास है तो आपको री-चैकिंग करवाने में सबसे अच्छा फायदा होगा।

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रिचेकिंग किसे करवानी चाहिए?

रिचेकिंग उन छात्रों को करवानी चाहिए जिन छात्रों की कुछ नंबरों से कंपार्टमेंट आ जाती है या फिर जिन छात्रों को लगता है कि वह उत्तर पुस्तिका में ज्यादा आंसर लिखकर आए थे उसके हिसाब से उन्हें नंबर नहीं मिले हैं उन्हें छात्रों को भी चेकिंग करवानी चाहिए।

रिचेकिंग करवाने के क्या फायदे हैं?

रिचेकिंग करवाने के बहुत से फायदे हैं जितने भी छात्रों को लगता है कि हम उत्तर ज्यादा नंबर के लिखकर आए थे लेकिन वह अपने नंबरों से संतुष्ट नहीं है वह छात्र रिचेकिंग करवा सकते हैं जिसकी वजह से उनके नंबर बढ़ सकते हैं।

क्या स्टेट बोर्ड के छात्र भी चेकिंग करवा सकते हैं?

जी बिल्कुल, किसी भी स्टेट के छात्र रिचेकिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं और अपनी उत्तर पुस्तिका की फिर से रिचेकिंग करवा सकते हैं।

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